धन उगाहना 15 सितंबर, 2024 – 1 अक्टूबर, 2024
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1
বুদ্ধদেব
রবীন্দ্রনাথ ঠাকুর
করিয়া
তাহার
নহে
বুদ্ধদেব
হইতে
দ্বারা
তাহা
চ
আপন
ক’রে
বৌদ্ধধর্ম
হইয়া
তাঁহার
বুদ্ধের
বৌদ্ধধর্মের
ধর্ম
প্রেমের
মানুষকে
যিনি
হইয়াছে
করিতে
যাহা
বড়ো
বুদ্ধ
স্বীকার
ধর্মের
প্রেম
ইহা
ইহার
গ্রহণ
তব
বৌদ্ধধর্মে
মঙ্গল
শীল
দুঃখ
বলিয়া
ব্রহ্মবিহার
শক্তি
সত্য
সম্বন্ধে
এতং
করিয়াছে
চরম
ভক্তির
ভারতবর্ষের
মুক্তি
হইবে
উত্তম
উপদেশ
করবার
साल:
1960
भाषा:
bengali
फ़ाइल:
EPUB, 1.10 MB
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0
bengali, 1960
2
রবীন্দ্রসাহিত্যে বৌদ্ধসংস্কৃতি
জ্যোতিঃপাল_মহাথের
বৌদ্ধসংস্কৃতি
বৌদ্ধ
রবীন্দ্রসাহিত্যে
কবিগুরু
সাথে
বুদ্ধের
জগতের
আপন
জগতে
ন
রাজা
কবিগুরুর
তথাগত
দুঃখ
করেছিলেন
রবীন্দ্রনাথ
অনিত্য
করুণা
অন্তরে
জগৎ
বৌদ্ধধর্মের
প্রাচীন
বুদ্ধ
উপলব্ধি
তীর
বলেছেনঃ
মহারাজ
গ্রহণ
ত
বলেছেন
মৈত্রী
অহং
ধর্মের
নীতি
রাজার
ক
কালের
দান
ধর্ম
ধারণ
নদীর
স্বীকার
অশোক
অহংকার
ইত্যাদি
এজন্য
কবিতা
খৃষ্টাব্দে
কবিতায়
কালে
भाषा:
bengali
फ़ाइल:
PDF, 3.56 MB
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0
/
0
bengali
3
অতীশ দীপংকর
www.shishukishor.org
একরাম আলি
দীপংকর
হলো
তিব্বতে
তিব্বতের
বৌদ্ধধর্মের
রাজা
অতীশ
আচার্য
পণ্ডিত
বড়ো
ভারতে
আজও
ডোম
বিহার
তিব্বতি
মহাযান
বহু
বিহারে
বৌদ্ধ
তোন
দেশ
দেশের
ধর্ম
বিরাট
রাজার
দীপংকরের
প্রধান
শিষ্য
জায়গায়
প্ৰভু
অতীশের
জন্ম
বৌদ্ধধর্ম
ভারত
এইসব
খ্রিষ্টাব্দে
হতো
এদের
গুরু
বিখ্যাত
বিহারের
ভারতীয়
ভারতের
ভিক্ষু
আচার্যের
এমনকি
ফিরিয়ে
বয়স
মৃত্যুর
শাদা
भाषा:
english
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